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जींद के एक व्यापारी नेता ने मुख्यमंत्री बनाम वित् मंत्री जी से नए बजट के लिए रखे कई जरूरी सुझाव
जींद, 26 Feb 2020 : जींद के एक व्यापारी नेता ने मुख्यमंत्री बनाम वित् मंत्री जी से नए बजट के लिए रखे कई जरूरी सुझाव
नए बजट में फर्नीचर पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की मांग
सेल और परचेज की रिटर्न भरने की व्यवस्था एक महीने की बजाये तीन महीने करने की मांग
इ वे बिल कम से कम एक लाख रुपए के बिल पर लगाये जाने की मांग
इंस्पेक्टरी राज खत्म करने की मांग
जीन्द : हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश प्रवक्ता व फर्नीचर यूनियन जीन्द के संरक्षक डा. राजकुमार गोयल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाम वित मंत्री मनोहर लाल से नए बजट में फर्नीचर पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की मांग की है। गोयल का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री जी ऐसा करते हैं तो यह उन गरीब पिताओं के लिए बहुत बड़ा सम्मान होगा जिन्हे अपनी बेटियों के हाथ पीले करने हैं। गोयल का कहना है कि फर्नीचर दहेज में दी जाने वाली वह वस्तु है जो हर पिता अपनी बेटी की शादी के समय अवश्य देता है। दहेज के रूप में दी जाने वाली फर्नीचर की ये आइटमें अलमारी, कुर्सी, मेज, सोफा, डबल बैड इत्यादि खरीदते समय एक पिता को 18 फीसदी टैक्स जीएसटी के रूप में देना पड़ता है जो कि कईं हजारों रूपये बनता है। एक अमीर पिता के लिए तो यह टैक्स देना कोई बड़ी बात नहीं होती लेकिन एक गरीब पिता के लिए इतना टैक्स देना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में वह गरीब व्यक्ति दुकानदार के सामने जीएसटी न देने की बात करता है। गोयल का कहना है कि इस स्थिति में दुकानदार खुद दुविधा में फंस कर रह जाता है क्योंकि एक तरफ तो गरीब आदमी का ख्याल वहीं दूसरी ओर जीएसटी की चोरी। गोयल ने मांग की है बेटियों के हित में फर्नीचर पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाना चाहिए।
सेल और परचेज की रिटर्न भरने की व्यवस्था एक महीने की बजाये तीन महीने की जानी चाहिए :
व्यापारी नेता राजकुमार गोयल की मांग है की सेल और परचेज की रिटर्न भरने की व्यवस्था एक महीने की बजाये तीन महीने की जानी चाहिए। व्यापारी हर महीने रिटर्न भरने में ही रह जाता है। जिसमे काफी टाइम की बर्बादी होती है इसे बढ़ा कर कम से कम तीन महीने किया जाना चाहिए।
इ वे बिल कम से कम एक लाख रुपए के बिल पर लगाये जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए :
व्यापारी नेता राजकुमार गोयल की मांग है की इ वे बिल जो अब 50 हजार की राशि वाले बिल पर लगता है वह कम से कम एक लाख रुपए के बिल पर लगना चाहिए। जबसे जीएसटी लगा है तब से व्यापारी का समय कागजी कार्रवाइयों में ही ज्यादा लगने लगा है जिससे व्यापारी काफी तंग है। इ वे बिल लागु करके भी सरकार ने व्यापारियों को कागजी कार्रवाई में बांध कर रख दिया है इसलिए इसे कम से कम एक लाख रुपए के बिल पर लगाये जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
इंस्पेक्टरी राज खत्म किया जाना चाहिए :
व्यापारी नेता राजकुमार गोयल की मांग है की रोड चेकिंग के नाम पर अफसरों द्वारा व्यापारियों को परेशान किया जाता है इस पर लगाम लगनी चाहिए। व्यापारी पुरे बिल के साथ माल भेजते हैं लेकिन रास्ते में अफसरों द्वारा बिल में रह गयी छोटी छोटी त्रुटियों के लिए तंग किया जाता है। व्यापारी इतना पड़ा लिखा या फिर कहे एमबीए पास नहीं है की उसे बिल में रह गयी छोटी छोटी गलतियों के लिए प्रताड़ित किया जाये।