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जीन्द विकास संगठन ने लगाया आरोप
जीन्द विकास संगठन ने लगाया आरोप
बैरिगेट्स लगा देने से मिनी बाईपास की सार्थकता हुई खत्म
बैरिगेट्स हटाकर प्रशासन जल्द लगाए रेड लाइट
या फिर बनवाए चौंक
जीन्द : जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने आरोप लगाया है कि गोहाना रोड मिनी बाईपास पर बैरीगेटस लगा देने से मिनी बाईपास की मानों सार्थकता ही खत्म हो गई है। प्रशासन को चाहिए कि इन बैरीगेटस को हटाकर यहां जल्द से जल्द रेड लाईट लगवाई जाए या फिर यहां चौक बनवाया जाए।
राजकुमार गोयल का कहना है कि जब से मिनी बाईपास बना है तब से बस स्टैंड के पास मिनी बाईपास चौराहे पर प्रशासन ने बैरिगेटस लगाए हुए हैं जिसके चलते वाहनों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिन वाहनों को रोहतक रोड़ की तरफ से मिनी बाईपास के रास्ते बस स्टैड की तरफ जाना है उन्हें बस स्टैंड़ की ओर मुड़ने से पहले रानी तालाब की ओर मुड़ना पड़ता है फिर जेपी गोल्ड होटल के पास से यूटर्न लेना पड़ता है और फिर बस स्टैंड की तरफ जाया जाता है। उसी प्रकार दालमवाला होटल की तरफ से मिनी बाईपास के रास्ते जिन वाहनों को रोहतक रोड़ की तरफ जाना है उन वाहनों को पहले बस स्टैड़ की तरफ टर्न करना पड़ता है फिर जैन धमार्थ हास्पिटल से यूटर्न लेना पड़ता है। ऐसे में काफी टाईम बर्बाद होता है।
गोयल का कहना है कि जब मिनी बाईपास बना था तब प्रशासन से इन बैरिगेटस को हटाने बारे मांग की गई थी कि तब प्रशासन का कहना था कि जल्द ही इन बैरिगेटस को हटा दिया जाऐगा लेकिन आज तक भी ये बैरिगेटस हटाए नही गए। उसके बाद भी अनेकों बार प्रशासन से इन बैरिगेटस को हटाने की मांग की गई लेकिन प्रशासन द्वारा हर बार यही जवाब मिला कि बैरिगेटस हटा देने से यहां जाम की समस्या पैदा हो जाती है इसलिए पहले यहां रेड लाईट लगानी पड़ेगी फिर बैरिगेटस हटाए जा सकेंगे।
राजकुमार गोयल का कहना है कि तब से यह मांग अधर में लटकी पड़ी है। गोयल का कहना है कि रोड़ सेफ्टी के मध्य नजर यह एक बड़ी समस्या है जिसको दूर किया जाना अति आवश्यक है। कई बार यह मुददा रोड सेफ्टी की मीटिंग में उठ चुका है उसके बाद भी प्रशासन ने यहां रेड लाईट नही लगाई है। गोयल ने प्रशासन से मांग की है कि यहां जल्द से जल्द रेड लाईट लगवाई जाए। रेड लगाने में कोई दिक्कत है तो यहां जल्द से जल्द चौंक बनवाया जाए ताकि रोड के बीचों बीच खड़े बैरिगेट्स हटाए जा सके और मिनी बाईपास की सही शब्दों में सार्थकता साबित हो सके।