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रोहतक रोड़ की चैड़ाई टूट टूट कर 30 फीट से कम होकर रह गई है 15 फीट
रोहतक रोड़ की चैड़ाई टूट टूट कर 30 फीट से कम होकर रह गई है 15 फीट
बाकि 15 फीट में नजर आ रही है मिट्टी, मिट्टी में गढढे और गढढों में पानी
कहने को तो नेशनल हाईवे लेकिन हालात किसी गांव से भी बदत्तर
आखिर कब सुधरेगी रोहतक रोड़ की बदहाल हालत: राजकुमार गोयल
जीन्द, 13 July 2020 : फर्नीचर एसोसिएशन की एक बैठक सरंक्षक राजकुमार गोयल की अध्यक्षता में प्रधान राकेश सिंघल के प्रतिष्ठान पर आयोजित की गई। बैठक में रामधन, मनीष गर्ग, जसवंत लाठर, सुरेन्द्र गर्ग, सौकत अली, धर्मपाल इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। बैठक में सरकार से इस रोहतक रोड़ को जल्द से जल्द नए सिरे बनाने की मांग की गई।
बैठक को सम्बोधित करते हुए राजकुमार गोयल ने कहा कि देवीलाल चौंक से लेकर रोहतक रोड़ बाईपास तक सड़क की हालत बदहाल है। कहने को तो यह नेशनल हाईवे है लेकिन हालात किसी गांव से भी बदत्तर है। यह सड़क पहले ही सिंगल रोड़ है और अब इस सिंगल सड़क की चौड़ाई 30 फीट से कम होकर 15 फीट रह चुकी है बाकि 15 फीट में भी मिट्टी नजर आ रही है। मिट्टी में बड़े बड़े गढढे नजर आ रहे है और गढढों में पानी नजर आ रहा है। इतनी चौड़ाई में दोनो तरह से व्हीकल कैसे आते जाते होंगे। यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
गोयल ने इस रोहतक रोड़ की बदहाल हालत पर सवाल उठाते हुए प्रशासन से यह प्रश्न किया है कि आखिर कब रोहतक रोड़ की बदहाल हालत सुधरेगी। गोयल का कहना है कि कई साल से रोहतक रोड़ के लोग इस टूटी सड़क का रोना रो रहे है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। लगता है इस रोड़ के नाम का न कोई प्रशासन है न ही सरकार। बदहाल रोड़ की वजह से रोड़वासी परेशान है। आना जाना दूभर हो गया है। इस रोड़ पर प्रतिदिन हजारों व्हीकल गुजरते है। पूरी तरह से टूट चुके इस रोड़ पर ये व्हीकल कैसे गुजरते होंगे यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। टूटे रोड़ की वजह से दर्जनों हादसे हो चुके है। लोग इसे मौत की सड़क के नाम से पुकारने लगे है। लेकिन प्रशासन के जूं तक नहीं रेंग रही।
गोयल का कहना है कि पिछले चुनाव में फर्नीचर एसोसिएशन ने सड़क नहीं तो वोट नहीं का फरमान जारी करते हुए आन्दोलन शुरू किया था लेकिन मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद यह आन्दोलन वापिस ले लिया गया था। मुख्यमंत्री ने फर्नीचर एसोसिएशन के शिष्ट मण्डल को यह आश्वासन दिया था कि चुनाव खत्म होते ही रोड़ बनवा दिया जाएगा। लेकिन उसके बाद भी रोड़ नहीं बना। गोयल का कहना है कि अब इस रोड़ पर एक तरफ सीवरेज के पाईप दब रहे है तो दूसरी तरफ अमरुत योजना के। प्रशासन का कहना है कि इन दोनो योजनाओं के पूरा होने के बाद रोड़ बना दिया जाएगा। गोयल का कहना है कि पिछले लम्बे समय से इन दोनो योजनाओं का बहाना बनाया जा रहा है। देवीलाल चौंक से लेकर रजवाहे तक तो अब कोई काम नहीं होना ऐसे में प्रशासन देवीलाल चौंक से लेकर रजवाहे तक तो रोड़ को नए सिरे से बना सकता है।