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11 Apr.
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11 Apr. 2021

जीन्द विकास संगठन ने मुख्यमंत्री के नाम डीसी को सौपा ज्ञापन

4 महीने के एडवांस बिजली बिल लेने के फैसले के खिलाफ जीन्द विकास संगठन ने बजाई घंटी
जीन्द विकास संगठन ने मुख्यमंत्री के नाम डीसी को सौपा ज्ञापन
बिजली विभाग द्वारा 4 महीने के बिल एडवांस में लेने को फैसले को तुरंत वापिस लेने की कि मांग
बिजली से संबंधित अन्य कई मांगे भी रखी गई
कहा जल्द नहीं लिया फैसला वापिस, तो करेंगे आन्दोलन

जीन्द, 07 April 2021 : जीन्द विकास संगठन का एक शिष्टमंडल आज डॉ आदित्य दहिया से मिला और उन्हें मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौपा। शिष्टमंडल की अध्यक्षता जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ राजकुमार गोयल ने की। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि बिजली विभाग द्वारा इस महीने उपभोक्ताओं से करंट बिल के साथ साथ 4 महीने का जो बिजली का बिल एडवांस में लिया जा रहा है उस फैसले को तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाए। शिष्टमंडल में राजकुमार भोला, ईश्वर गोयल, एडवोकेट दर्शन ढाण्डा, मनजीत भौंसला, सज्जन सैनी, सुरेश चौहान, गोविन्द गुप्ता, कृष्ण सिंह, सुभाष गर्ग, गोविन्द गुप्ता, श्याम लाल, रजत सिंगला, डॉ मनीष गर्ग, विपल, पवन बंसल, पंकज, सतीश कुमार, सुन्दरी गर्ग, बजरंग इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
डीसी को ज्ञापन साैंपते हुए जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने कहा कि बिजली विभाग द्वारा इस महीने उपभोक्ताओं से करंट बिल के साथ साथ 4 महीने का बिजली का बिल सिक्योरटी के तौर पर एडवांस भरवाया जा रहा है। जीन्द विकास संगठन इस फैसले का कडे शब्दों में विरोध करता है और यह मांग करता है कि जनहित में इस फैसले को तुरंत वापिस लिया जाए। गोयल ने कहा है कि आम आदमी पिछले एक साल से कोरोना की मार झेल रहा है। हालात इतने बदतर है कि करंट बिल भरना भी मुश्किल हो रहा है। ऊपर से 4 महीने का एडवांस बिल भरवाना आम आदमी का गला घोटना है। इसलिए यह मांग की जाती है कि जनहित में इस जन विरोधी फैसले को तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाए।
इसके साथ साथ बिजली से संबंधित अन्य मांगे भी डीसी के समक्ष रखी गई और उनसे इन सभी मांगो से संबंधित मांग पत्र मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की मांग की गई। अन्य मांगो को रखते हुए राजकुमार भोला, ईश्वर गोयल, एडवोकेट दर्शन ढाण्डा इत्यादि ने कहा की कोरोना के बाद से ही सरकार से लगातार बिजली के बिलों को माफ करने या सब्सिडी देने की मांग की जाती रही है लेकिन सरकार ने ऐसा तो कोई फैसला नहीं लिया उपर से इस जन विरोधी फैसले का और थोप दिया। ऐसे में यह मांग की जाती है कि इस एडवांस बिजली बिल को भरवाने की बजाय प्रदेश की जनता को किसी भी बिल को 4 महीने तक बिना ब्याज भरने का समय दिया जाए व कोरोना काल में लगे लॉक डाऊन के दौरान के बिजली के बिल माफ किए जाए ताकि आम आदमी को राहत मिल सके।
इसके साथ साथ यह मांग भी रखी गई कि पहले 600 यूनिट तक उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जाती थी जिसको घटाकर 300 यूनिट कर दिया गया और वह भी 2 महीने का। इस सब्सिडी के पुराने सिस्टम को भी लागू किया जाए ताकि आम आदमी को राहत मिल सके। जीन्द विकास संगठन ने कहा है कि यदि जल्द ही उनकी मांगो की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो जीन्द विकास संगठन आन्दोलन करने पर मजबूर होगा जिसकी जिम्मेवारी प्रशासन पर होगी।

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जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल का यह भी कहना है कि इस महीने आम आदमी को कई खर्चों से गुजरना पड़ रहा है। इसी महीनें बच्चों की दाखिला फीस व अन्य फीस देनी है। इसी महीने 2 वक्त की रोटी के लिए गेहुं भी खरीदनी है। ऊपर से 2 महीने के बिजली बिल के साथ साथ 4 महीने के बिजली के बिल एडवांस जमा करवाना आम आदमी को सड़क पर लाना है। ऐसे में इस तालबानी व जन विरोधी फैसले को तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाना चाहिए।

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जीन्द विकास संगठन के मनजीत भौंसला का कहना है कि जब देश की राजधानी में आम आदमी को 200 यूनिट तक बिजली फ्री दी जा रही है तो ऐसे में हरियाणा मे क्यो नहीं बिजली फ्री दी जा सकती। हरियाणा में आखिर क्यों बिजली बिल फ्री करने की बजाय 4-4 महीने का एडवांस लिए जा रहे है। इनका कहना है कि कोरोना के बाद आर्थिक मंदी के इस दौर मे कई देशों में सरकारे अपने नागरिकों को तरह तरह की सुविधाए दे रही है जबकि हमारे देश मे सरकार लगातार बोझ डाल रही है।

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