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कल रोहतक रोड़ रहेगा पूर्ण बन्द
फर्नीचर एसोसिएशन और जीन्द विकास संगठन के आहवान पर कल रोहतक रोड़ रहेगा पूर्ण बन्द
दुकानें बन्द करके दुकानदार करेंगे अनोखा प्रदर्शन
प्रदर्शन में आगे आगे जीन्द प्रशासन रूपी कुम्भकर्णी मुखौटा एक वाहन पर लेटा हुआ जोर-जोर से खर्राटे भरता नजर आएगा जो एसी की हवा ले रहा होगा
वाहन के पीछे-पीछे बैण्ड-बाजे और ढोल-डमाके वाले चलेंगे जो कुम्भकर्णी नींद सो रहे प्रशासन को जगाने का काम करेंगे
जीन्द : सड़क की दुर्दशा के चलते फर्नीचर एसोसिएशन और जीन्द विकास संगठन के आहवान पर कल रोहतक रोड़ पूर्ण बन्द रहेगा। यहां के दुकानदार अपनी अपनी दुकानें बन्द करके अनोखा प्रदर्शन करेंगे जो रोहतक रोड़ बाईपास से चलकर चैधरी देवीलाल चैंक तक पहुंचेगा। जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल और फर्नीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश सिंघल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदर्शन में आगे आगे जीन्द प्रशासन रूपी कुम्भकर्णी मुखौटा एक वाहन पर लेटा हुआ जोर-जोर से खर्राटे भरता नजर आएगा जो वाहन पर लगे एसी की हवा ले रहा होगा। वाहन के पीछे-पीछे बैण्ड-बाजे और ढोल-डमाके वाले चलेंगे जो बन्द कमरे में एसी की हवा में सो रहे कुम्भकर्णी प्रशासन को जगाने को काम करेंगे।
आज इन संस्थाओं के सदस्यों ने रोहतक रोड़ पर जन सम्पर्क अभियान चलाया जिसकी अध्यक्षता जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष डा. राजकुमार गोयल और फर्नीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश सिंघल ने की। इस अवसर पर रामधन जैन, सुन्दरी गर्ग, आशु सिंघल, संजय गर्ग, अनिल कुण्डू, मनीष सिंघल, विजय सैनी, मुकेश गोयल, बबलू चैहान, सौकत अली, रोहित बन्सल, सतीश शर्मा, सुशील सिंगला, रमेश जांगड़ा, सुनील शर्मा, पप्पू शर्मा, अजित सैनी, जयभगवान सैनी इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। संस्था के सदस्यों ने चैधरी देवीलाल चैंक से रोहतक रोड़ बाईपास तक शोप टू शोप जाकर यह जन सम्पर्क अभियान चलाया। यहां के दुकानदारों ने कहा कि वे इस रोड़ की दुर्दशा से बहुत ज्यादा दुखी हो चुके है। आप सब संस्था के साथियों ने इस रोड़ बनवाने को लेकर जो अभियान चलाया है वह एक अच्छा कदम है और हम सब आपके इस आन्दोलन में पूरी तरह से साथ है। दुकानदारों ने विश्वास दिलाया है कि हम सब अपनी अपनी दुकानें बन्द करके इस आन्दोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेंगे।
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जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष डा. राजकुमार गोयल ने बताया कि पिछले कईं साल से यह रोड़ बदहाल है। जीन्द से दिल्ली को जाने वाला डेढ़ किलोमीटर का यह रोड़ अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है रेत का रेगिस्तान बन चुका है। कईं जगह से मिट्टी धंस चुकी है। हर रोज यहां हादसे हो रहे है। कईं लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग घायल हो चुके है। दर्जनों वाहन यहां धंस रहे हैं। उड़ते रेत के गुब्बार से लोगो को आंखो में जलन और गले में इन्फैक्शन की बिमारी हो रही है। यह रोड़ वैसे तो 3 साल से बदहाल है। करीबन डेढ़ साल से यहां सीवरेज के पाईप दबाने का काम हो रहा है। डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी इस छोटे से टुकड़े का काम नहीं हो रहा है। प्रशासन का सिर्फ एक ही जवाब है कि विकास कार्य चल रहा है। जनता पूछ रही है कि डेढ़ साल में डेढ़ किलोमीटर का टुकड़ा भी प्रशासन नहीं बना सकता तो विकास कार्य की स्पीड कितनी होगी। दो साल पहले जब जीन्द उपचुनाव हुए थे तो फर्नीचर एसोसिएशन के आहवान पर यहां के चुनाव का बहिष्कार किया था। तब खुद मुख्यमन्त्री ने यह आश्वासन दिया था कि उपचुनाव खत्म होते ही यह रोड़ बनवा दिया जाएगा लेकिन यह वायदा भी वायदा ही रहा।