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दर्जनों सामाजिक संगठनों ने बनाया जीन्द विकास संगठन
जीन्द के विकास की लड़ाई लड़ने के लिए दर्जनों सामाजिक संगठनों ने बनाया जीन्द विकास संगठन
प्रमुख समाजसेवी राजकुमार गोयल को बनाया गया अध्यक्ष
1 नवम्बर, 1966 को हरियाणा गठन के साथ ही हुआ था जीन्द जिले का गठन
जीन्द जिले के जन्मदिन के उपलक्ष्य मंे बनाया गया यह जीन्द विकास संगठन
54 साल में जो विकास जीन्द जिले का होना चाहिए था वह नहीं हो पाया
अब जीन्द के विकास की लड़ाई लड़ेगा यह सांझा मंच
जीन्द : जीन्द के विकास की लड़ाई लड़ने के लिए दर्जनों सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मिलकर जीन्द विकास संगठन के नाम से एक सांझा संगठन बनाया है। संगठन के प्रधान की जिम्मेवारी प्रमुख समाजसेवी, सुशिक्षित, ईमानदार और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े डा. राजकुमार गोयल को दी गई है। ‘‘सुन्दर बने शहर अपना यहीं है जीन्द विकास संगठन का सपना’’ के नारे के साथ इस संस्था का गठन किया गया है। संगठन की कार्यकारिणी के गठन का अधिकार नवनियुक्त अध्यक्ष राजकुमार गोयल को दिया गया है।
विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक आज उत्सव होटल में सम्पन्न हुई। कईं घटंे तक चली मंथन बैठक में इस संगठन का गठन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता अखिल भारतीय वैष्णव बैरागी परिषद के प्रधान राजकुमार भोला ने की। बैठक में प्रयास संस्था के चेयरमैन मुकेश शर्मा, अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा के प्रधान राजकुमार गोयल, युवा कल्याण सभा के प्रधान सज्जन कुमार सैनी, शाईनिंग स्टार फाऊण्डेशन के प्रधान मनजीत भौंसला, पंजाबी समाज से प्रमुख समाजेसवी संजय चुघ, साड़ी एसोसिएशन के प्रधान सावर गर्ग, बैरागी समाज से सुरेश कुमार चौहान, बाल धमार्थ अस्पताल के प्रधान ईश्वरदास गोयल, यूनिवर्सल सोशल आरगेनाईजेशन के प्रधान रामधन जैन, संकल्प एक परिवर्तन के प्रधान बीएस गर्ग, संस्कार भारती के कोषाध्यक्ष राजेश भारद्वाज, युवा मित्र मण्डल के प्रधान पवन सिंगला, दिगम्बर जैन महासमिति के जीन्द के प्रधान गौरव जैन, करियाणा एसोसिएशन के प्रधान मनीष नगूरां, रोटरी जीन्द मिड टाऊन के प्रधान एवं जीन्द के ओरथो चिकित्सक डा. बनीश गर्ग, व्यापार मंडल से अशोक गोयल उत्सव होटल वाले, फारमेसिस्ट एसोसिएशन से सुशील धनाना, अनाज मण्डी एसोसिएशन से मनोज कहानोरिया, कपड़ा मार्किट से दीपक जैन, पालिका बाजार से भारत भूषण, वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश गोयल, हांसी रोड़ एसोसिएशन से सुभाष शामदो, भिवानी रोड़ से कृष्ण फौजी, यादव समाज से अनिल यादव, फर्नीचर एसोसिएशन से सुरेन्द्र कुमार, संत कबीर महासभा से सुबे सिंह, इंटरनेशनल वेलफेयर सोसाएटी से दिनेश जैन, प्रमुख समाज सेवी बलजीत लाठर, ईश्वर सांगवान, अशोक खर्ब इत्यादि प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
नवनियुक्त प्रधान राजकुमार गोयल का कहना है कि आज शहर की दर्जनों संस्थाओं ने उन्हें जीन्द विकास संगठन के बैनर तले जीन्द के विकास की लड़ाई लड़ने की जो जिम्मेवारी दी है इसके लिए वे सभी सामाजिक संस्थाओं का आभार व्यक्त करते है। वे पहले से ही जीन्द के विकास की लड़ाई लड रहे है। अब और ज्यादा विश्वास, लगन और मेहनत के साथ इस मंच के बैनर तले जीन्द के विकास की लड़ाई लड़ेगे। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने जो जिम्मेवारी रूपी पगड़ी उन्हें पहनाई है उस पगड़ी की वे लाज रखेंगे और सच्चाई व ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगे और जीन्द के विकास की पूरी लड़ाई लड़ेगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही जीन्द विकास संगठन की कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाएगी।
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इन मुद्दों पर लड़ी जाएगी लड़ाई
नवनियुक्त प्रधान राजकुमार गोयल ने बताया कि जीन्द विकास संगठन विभिन्न मुद्दों पर समय पर जीन्द के विकास की लड़ाई लड़ेगा जिसमंे जीन्द शहर का सौन्दर्यकरण, सड़क व्यवस्था, सीवरेज व्यवस्था, जल व्यवस्था, सिविल अस्पताल की व्यवस्था, पुलिस व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था, परिवहन व्यवस्था इत्यादि में चल रहे विकास कार्यों में जहां भी जीन्द विकास संगठन को यह महसूस होगा कि आवाज उठानी है उसी मुद्दे पर आवाज उठाई जाएगी। इसके साथ-साथ रानी तालाब का सौन्दर्यकरण, महाभारत काल से जुड़े तीर्थ, सिटी बस सेवा इत्यादि मुद्दों पर भी वे अपनी लड़ाई लड़ेंगे।
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विभिन्न तरीकों से लड़ाई लड़ेंगे
राजकुमार गोयल ने यह भी बताया कि शहर के विकास से संबंधित इन सब मुद्दों पर विभिन्न तरीको से लड़ाई लड़ी जाएगी। प्रशासन से मिलकर, सरकार से मिलकर जीन्द के विकास की आवाज उठाई जाएगी। मीडिया का सहारा लिया जाएगा और सोशल मिडिया, टवीटर, फेसबुक, इन्स्टाग्राम के
माध्यम से भी आवाज सरकार और प्रशासन तक पहुंचाई जाएगी। पहले ज्ञापन दिए जाऐंगे फिर जरूरत के अनुसार प्रदर्शन इत्यादि के माध्यम से जीन्द की आवाज को सुचारू रखा जाएगा। समस्या ऐसी उठाई जाएगी जो शहर के लिए सामूहिक हो।
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1 नवम्बर को किया गठन
राजकुमार गोयल ने बताया कि जीन्द का गठन 1 नवम्बर, 1966 को हरियाणा गठन के साथ ही हुआ था। 54 साल बीत जाने के बाद भी आज जीन्द का वह विकास नहीं हुआ जो होना चाहिए था। हरियाणा के अन्य जिले विकास में काफी तरक्की कर चुके है लेकिन जीन्द जिला पिछड़े जिलों की लिस्ट मे शुमार होकर रह गया। जीन्द विकास संगठन का गठन जीन्द के जन्मदिन वाले दिन आज 1 नवम्बर को किया गया है।
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रैलियों का शिकार बनकर रह गया जीन्द
जीन्द विकास संगठन के प्रधान राजकुमार गोयल ने बताया कि यहां से खूब मन्त्री बने, खूब विधायक बने, केन्द्रीय मन्त्री भी बने, जीन्द को गुड़गावं बनाने की बात हुई, जीन्द को चण्डीगड़ बनाने जैसी बातें हुई, जीन्द को राजधानी बनाने के सपने भी दिखाए गए लेकिन आज जीन्द एक गांव बनकर रह गया है और इस जीन्द की किसी ने भी कोई सुनवाई नहीं की। जीन्द मात्र रैलियों का स्थल बनकर रह गया है। 1967 से 2020 तक सरकारे आई और गई लेकिन जीन्द वहीं का वहीं रहा। रैलियों के लिए रहा जीन्द, धरने प्रदर्शनों के लिए जीन्द आगे रहा। राजनीति के लांचिंग पेड में भी जीन्द आगे रहा लेकिन विकास के नाम पर जीन्द जीरो रहा।
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मूलभूत सुविधाएं तक नहीं
प्रमुख समाजसेवी राजकुमार गोयल ने कहा कि जीन्द में कारगो एयरपोर्ट बनाने तक की बात भी हुई लेकिन यहां तो मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं है। शहर सुन्दरता के नाम पर जीरो है। यहां टूटी सड़के हैं, टूटी गलियां है, प्रदूषित वातावरण है, रेत के गुब्बार है और रेफर अस्पताल है इससे ज्यादा कुछ नहीं। न एम्स जैसे बड़े अस्पताल हैं, न आईआईटी जैसी बेहतर शिक्षा, न मारूती जैसे प्राईवेट उद्योग, न कोई सरकारी उद्योग। आखिर क्यों जीन्द न बन सका गुरूग्राम और पंचकुला जैसा ? इन सब मुद्दों को लेकर जीन्द विकास संगठन अपनी लड़ाई लड़ेगा।