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डीसी के हस्तक्षेप के बाद संबंधित विभाग आ गए लाइन पर
डीसी के हस्तक्षेप के बाद संबंधित विभाग आ गए लाइन पर
रोहतक रोड पर सीवर के पाइप हटाकर बनाया जा रहा है वैकल्पिक रास्ता
राजकुमार गोयल ने डीसी आदित्य दहिया का जताया आभार
लोगों ने ली कुछ राहत की सांस
जींद : डीसी के हस्तक्षेप के बाद रोहतक रोड पर वैकल्पिक रास्ता बनाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है। सीवर के पाइप हटाकर यहां जेसीबी से वैकल्पिक रास्ता बनाया जा रहा है। प्रमुख समाज सेवी डॉ राजकुमार गोयल ने इसके लिए डीसी डॉ आदित्य दहिया का आभार जताया है। काम शुरू हो जाने के बाद यहां के लोगों ने कुछ राहत भरी सांस ली है। अब देखना यह है की डीसी की यह लताड़ कितने दिन तक असर दिखाती है।
लम्बे समय से यह रोड बदहाल था ही ऊपर से अमरुत योजना के तहत शुरू किये गए काम ने तो पुरे रोड को और भी ज्यादा बदहाल बना दिया था। एक तरफ तो सीवर के बड़े बड़े पाइप डाल कर रास्ता अवरुद कर दिया गया था ऊपर से सड़क को बीचोबीच से काट दिया गया था। जिसके चलते आने जाने का रास्ता पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया था। कल आयी बारिश ने तो इस रोड को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया था क्योंकि बीचोबीच काटी गयी सड़क ने नदी का रूप ले लिया था और ऐसा नजारा लग रहा था मानो सड़क के बीच नदी बह रही हो। इस मामले को फर्नीचर यूनियन के संरक्षक व् प्रमुख समाज सेवी राजकमार गोयल ने प्रमुखता से उठाया और जींद के डीसी से इस मामले में खुद हस्तक्षेप करने की मांग की थी। यहाँ तक की डीसी से इस बदहाल रोड का खुद मुआयना करने की मांग भी की गयी थी।
डीसी आदित्य दहिया ने कल इस मामले में खुद रोहतक रोड का दौरा किया। यहां चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और मोके पर ही अधिकारियों को लताड़ तक लगाई। साथ ही डीसी महोदय ने नगर परिषद जींद को 10 अगस्त तक वाहनों की आवाजाही के लिए रास्ते का निर्माण करने के निर्देश दिए। डीसी के हस्तक्षेप और उनकी लताड़ का ही परिणाम रहा की उनके जाते ही यहां युद्धस्तर पर सीवर के पाइप हटा कर वैकल्पिक रास्ता बनाने का काम शुरू हो गया जो आज भी लगातार जारी है।
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डीसी के नाम कुछ सुझाव
राजकुमार गोयल का कहना है की डीसी महोदय को लगातार इस कार्य पर पेनी नजर रखनी होगी तभी यह कार्य सिरे चढ़ पायेगा। जैसे ही पैनी नजर हटेगी वैसे ही हालात बदहाल हो जायेंगे क्योंकि पिछले अर्से से ऐसा हो रहा है। गोयल का साथ ही कहना है की इस काम पर नजर रखने के लिए जिन अधिकारीयों की ड्यूटी लगाई गयी है उसमे सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल किये जाएं ताकि इन चल रहे कार्यों पर सही नजर रखी जा सके। साथ ही यहां बड़े वाहनों के लिए सचेतक बोर्ड भी लगाए जाएँ क्योंकि बिना बोर्डों के लगाए यहाँ रास्ता न होने की वजह से बड़े वाहन आकर फंस जाते हैं।