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रोहतक रोड़ पर सड़क का निर्माण कार्य शुरू
रोहतक रोड़ पर सड़क का निर्माण कार्य शुरू
जीन्द विकास संगठन व फर्नीचर एसोसिएशन का आन्दोलन रंग लाया
जो काम सरकार और प्रशासन ने अगले एक साल तक भी नहीं करना था
वह काम आन्दोलन के मध्यनजर 1 महीने से पहले शुरू हुआ
जीन्द, 28 Nov 2020 : जीन्द विकास संगठन द्वारा फर्नीचर एसोसिएशन के सहयोग से किया गया आन्दोलन रंग लाया और अब आन्दोलन की बदोलत रोहतक रोड़ पर सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। जो काम अगले एक साल तक भी शुरू नहीं होने वाला था वह काम एक महीने से पहले शुरू हो गया। इस सड़क के निर्माण का पूरा श्रेय इन दोनों संगठनों द्वारा किए गए आन्दोलन को जाता है।
रोहतक रोड़ की बदहाल हालात को लेकर जीन्द विकास संगठन ने फर्नीचर एसोसिएशन के सहयोग से 5 नवम्बर को कुम्भकर्णी नींद सो रहे प्रशासन को जगाने के लिए बैण्ड-बाजों के साथ एक अनोखा प्रदर्शन किया था। जिसमें सैंकड़ो लोग शामिल हुए थे। बैण्ड-बाजों के साथ पहले कभी ऐसा रोष प्रदर्शन नहीं हुआ था। इसके साथ-साथ रोष स्वरूप रोहतक रोड़ वासियों ने इस दिन पूरे रोहतक रोड़ को बन्द रखा था। एक भी दुकान नहीं खुली थी। पूरा शट डाऊन था। आन्दोलन के मध्यनजर प्रशासन मौके पर पहुंचा था और इस आन्दोलन की अगुवाई कर रहे जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल से प्रशासन ने बातचीत की थी। तब जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने प्रशासन के समक्ष 5 प्रमुख मांगे रखी थी। राजकुमार गोयल ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि यदि ये मांगे नहीं मानी गई तो आगे और ज्यादा तेज आन्दोलनों की श्रृंखला शुरू कर दी जाएगी। प्रशासन को चेतावनी दी गई थी कि दिवाली पर प्रशासन अधिकारियों को रेत के डिब्बे भी बांटे जाऐंगे।
उसके बाद जीन्द विकास संगठन व अधिकारियों की कई बार वार्ताए हुई। जीन्द के डीसी से भी वार्ता हुई। हर मीटिंग में अधिकारियों द्वारा रोहतक रोड़ की प्रोग्रेस रिपोर्ट रखी गई। संगठन ने 5 मांगो में एक मांग यह भी रखी थी कि 1 जनवरी से पहले-पहले इस रोड़ पर सभी विभागो का काम खत्म हो जाना चाहिए। और सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो जाना चाहिए। गत सप्ताह भी विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ जीन्द विकास संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई थी जिसमें प्रशासन अधिकारियों ने यह साफ कर दिया था कि अन्य सभी विभागो का काम खत्म हो चुका है और अगले सप्ताह इस रोड़ पर सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। जीन्द विकास संगठन ने 5 मांगो में एक मांग यह भी रखी थी कि सड़क के बीचो-बीच डिवाईडर होना चाहिए। प्रशासन ने इस मांग को भी मंजूर कर लिया था और अब प्रशासन ने वायदा निभाते हुए इस सड़क पर अपना निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। रोहतक रोड़ पर विश्वकर्मा चैंक से रोहतक रोड़ बाईपास की तरफ सड़क का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए खुदाई का कार्य शुरू कर दिया गया है।
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जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल का कहना है कि पिछले तीन साल से ज्यादा समय से रोहतक रोड़ के लोग सड़क की बदहाल हालात से परेशान थे। अनेकों बार शासन और प्रशासन को गुहार लगाई जा चुकी थी। लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही थी। रोज यहां सड़क पर हादसे हो रहे थे। यहां के लोग इस सड़क को मौत की सड़क के नाम से जानने लगे थे। यहां फर्नीचर एसोसिएशन व अन्य संगठनो ने कईं बार मानव श्रृंखला इत्यादि के माध्यम से सड़क बनाने की मांग की। लेकिन प्रशासन के जूं तक नहीं रेंगी। गत विधानसभा उपचुनाव में फर्नीचर एसोसिएशन के सड़क न बनने से दुखी होकर वोट न देने का फैंसला भी लिया था। तब खुद मुख्यमन्त्री मनोहर लाल और फर्नीचर एसोसिएशन के सरंक्षक राजकुमार गोयल के बीच हुई वार्ता में मुख्यमन्त्री ने यह आश्वासन दिलाया था कि चुनाव खत्म होते ही सड़क बनवा दी जाएगी लेकिन सड़क नहीं बनी। उसके बाद लोकसभा चुनाव हुए, आम विधानसभा चुनाव हुए लेकिन सड़क नहीं बनी।
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इतने साल में बदहाल सड़क और भी खण्डहर बन चुकी थी। यहां सड़क न रहकर रेत का रेगिस्तान बन चुका था। हर रोज यहां रेत के गुब्बार उड़ते थे। जिसके चलते यहां के लोगो की जिन्दगी नरक बन गई थी। इस मामले में जीन्द के विकास की लड़ाई लड़ रहा जीन्द विकास संगठन आगे आया। जीन्द विकास संगठन ने फर्नीचर एसोसिएशन के सहयोग से यहां 5 नवम्बर को रोहतक रोड़ बन्द की काल की। और एक विशाल प्रदर्शन करने का आहवान किया। 5 नवम्बर को जीन्द विकास संगठन ने जो प्रदर्शन किया। उस प्रदर्शन ने कुम्भकर्णी नींद सो रहे प्रशासन को जगाने का काम किया। राजकुमार गोयल का कहना है कि प्रशासन और सरकार कुम्भकर्णी नींद सो रही थी। किसी भी तरह जाग नहीं रही थी। लोगो के सहयोग से उन्होंने जोरदार आन्दोलन किया। और इस जोरदार आन्दोलन ने प्रशासन व सरकार को हिलाने का काम किया। गोयल का कहना है कि इस सड़क के जल्द निर्माण का पूरा श्रेय रोहतक रोड़ की जनता को जाता है यदि रोहतक रोड़ की जनता अपनी शक्ति का एहसास नहीं कराती तो इस सड़क का निर्माण कार्य अगले एक साल तक भी शुरू नहीं होना था।