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अग्रवाल समाज ने एक अनोखी पहल के साथ शहर में लगवाए फलैक्स, फ्लेक्स बने चर्चा का विषय
अग्रवाल समाज ने एक अनोखी पहल के साथ शहर में लगवाए फलैक्स, फ्लेक्स बने चर्चा का विषय
फलैक्सों में जींद की बदहाली का खुलासा करते लिखे गए हैं अनेकों स्लोगन
स्लोगनों में लिखा गया है कि 1967 से 2019 तक सरकारें आई और गई लेकिन जीन्द वहीं का वहीं
स्लोगनों में लिखा गया है कि रैलियों के लिए जीन्द, धरनें, प्रदर्शन के लिए जीन्द, जब राजनीति का लांचिग पैड जीन्द तो फिर विकास में आगे क्यों नहीं जीन्द
स्लोगनों में लिखा गया है की जीन्द को इतने सालों में क्या मिला? टूटी सड़कें, धूल का गुब्बार, प्रदूषित वातावरण और रैफर अस्पताल
फ्लेक्सों में यह भी लिखा गया है कि न AIIMS जैसे बड़े अस्पताल, न IIT जैसी बेहतर शिक्षा, न MARUTI जैसे बड़े उद्योग,
आखिर क्यों, जीन्द न बन सका गुरूग्राम और पंचकूला जैसा।
इन स्लोगनों के माध्यम से शहरवासियों से अपील की गयी है की सिर्फ घोषणा नहीं धरातल पर हो काम,
जात-पात और धर्म से ऊपर उठकर ऐसे शिक्षित और योग्य व्यक्ति को करें मतदान
जीन्द : अग्रवाल समाज ने एक अनोखी पहल के साथ शहर में फलैक्स लगवाए हैं जोकि चर्चा का विषय बने हुए हैं। फलैक्सों में जींद की बदहाली का खुलासा करते अनेकों स्लोगन लिखे गए हैं। इन स्लोगनों के माध्यम से शहरवासियों से अपील की गयी है की जात-पात और धर्म से ऊपर उठकर ऐसे शिक्षित और योग्य व्यक्ति को मतदान करें जो सिर्फ घोषणा नहीं धरातल पर काम करे ताकि जींद का उचित विकास हो सके। जींद में जगह जगह पर लोग रुक कर इन्हे पढ़ते दिखाई दे रहे हैं। अग्रवाल समाज इस पहल को और आगे बढ़ाते हुए शहर में जन-जागरण और जागो मतदाताओं जागो अभियान भी चलाने वाला है।
अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा के अध्यक्ष राजकुमार गोयल का कहना है कि जीन्द को बने 52 साल हो गए हैं। इन 52 सालों में आज तक जीन्द का वह विकास नहीं हुआ जो होना चाहिए था। जीन्द के हालात इतने बदतर हैं कि जीन्द एक गांव बनकर रह गया है। जब तक जीन्द से कोई योग्य, ईमानदार और कर्मठ विधायक नहीं बनता तब तक जीन्द का विकास संभव नहीं है। जीन्द के मतदाताओं से ऐसा विधायक चुनने की अपील की जा रही है जो शहर का सर्वोतम विकास करा सके। इसी कड़ी में अग्रवाल समाज ने शहर में जगह जगह पर जींद की बदहाली का खुलासा करते अनेकों स्लोगन लिखे फ्लेक्स लगवाए हैं ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके।
शहर में जो फलैक्स लगाए गए है उनमें लिखा गया है कि 1967 से लेकर 2019 तक सरकारें आई और गई लेकिन जीन्द वहीं का वहीं। फलैक्सों में लिखा गया है कि जीन्द को इतने सालों में क्या मिला ? टूटी सड़कें, धूल का गुब्बार, प्रदूषित वातावरण और रैफर अस्पताल। फ्लेक्सों में लिखा गया है की सिर्फ घोषणा नहीं धरातल पर हो काम, जात पात और धर्म से ऊपर उठकर ऐसे शिक्षित और योग्य व्यक्ति को करें मतदान। फलैक्सों में लिखा गया है कि रैलियों के लिए जीन्द, धरनें, प्रदर्षन के लिए जीन्द, जब राजनीति का लांचिग पैड जीन्द तो फिर विकास में आगे क्यों नहीं जीन्द । फ्लेक्सों में यह भी लिखा गया है कि न AIIMS जैसे बड़े अस्पताल, न IIT जैसी बेहतर शिक्षा, न MARUTI जैसे बड़े उद्योग, आखिर क्यों, जीन्द न बन सका गुरूग्राम और पंचकूला जैसा। इन स्लोगनों के साथ यह अपील की गयी है की अब की बार सोचें, समझें और फिर चुनें अपना विधायक।
शहर की सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इस पहल का स्वागत किया है और कहा है की वास्तव में जींद का वह विकास नहीं हुआ जो गुरुग्राम जैसे जिलों का हुआ है। इन संस्थाओं का कहना है की अग्रवाल समाज ने लोगों को जागरूक करने के लिए जो यह मुहीम चलाई है उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाये कम है।
फ्लेक्सों को ध्यान से पढ़ते लोग
शहर में जगह जगह लगे फ्लेक्स